सोनम वांगचुक पर प्रशासन के पास हैं कार्रवाई के सबूत

सोनम वांगचुक पर प्रशासन के पास हैं कार्रवाई के सबूत

लद्दाख प्रशासन ने सोनम वांगचुक के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराया, ‘पुख्ता सबूत’ होने का दावा किया

लद्दाख प्रशासन ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि लेह में हुई हिंसा के बाद सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और अन्य पर कार्रवाई के लिए उनके पास पुख्ता सबूत हैं। प्रशासन ने इस कार्रवाई को बदले की कार्रवाई बताने वाले आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि सभी आरोपों की जानकारी पहले ही संबंधित लोगों को दी जा चुकी है।

प्रशासन ने वांगचुक पर आरोप लगाया है कि सरकार के साथ होने वाली वार्ता की तारीखों के बारे में जानते हुए भी वह उत्तेजक बयान देते रहे। एक विशेष आरोप यह है कि उन्होंने 9 सितंबर, 2025 को युवाओं को कोविड-19 के नाम पर मास्क, कैप और हूडी पहनकर प्रदर्शन में भाग लेने का सुझाव दिया, जबकि लद्दाख में उस समय कोविड के फैलने के कोई संकेत नहीं थे।

प्रशासन के अनुसार, लेह में हिंसा फैलने के बाद जहां अन्य बुजुर्ग नेता युवाओं को शांत कराने के लिए दौड़े, वहीं सोनम वांगचुक ने शांति स्थापित करने का कोई प्रयास नहीं किया। उन पर यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अनशन स्थल से नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों का संदर्भ देकर युवाओं को भड़काने का काम किया।

आरोपों में यह भी शामिल है कि 11 सितंबर, 2025 को एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि युवा शांति नहीं चाहते और सुरक्षा बलों से नहीं डरते। इसके अलावा, आठ जून, 2025 को स्थानीय भाषा में अपने यूट्यूब चैनल पर उन्होंने भारत में ‘अरब स्प्रिंग’ जैसा आंदोलन लाने और सरकार को उखाड़ फेंकने की बात कही, साथ ही आत्मदाह जैसे विचार भी प्रस्तुत किए।

वांगचुक के करीबियों द्वारा उनके साथ बेवजह फंसाए जाने के आरोपों के जवाब में प्रशासन का कहना है कि एचआइएएल और सेक्मोल जैसी उनकी संस्थाओं पर उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई की गई है और विदेशी मुद्रा नियमों के उल्लंघन का मामला संबंधित एजेंसियों की जांच के अधीन है।

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